राजा चढ़ावै हीरा मुगा मोती रानी
मंत्री संत्री भेट लाने आनी बानी
मैं का चढ़ावौ दाई तोला वो
अर्पण हे मोर जिनगानी
मैं तो बेटा गरीब अव दाई
बोरे बासी खाथौ वो
खाके नून चटनी घलो मैं
हांसी खुशी जिनगी पहाथौ वो
नई तो मैं मांगौ मईया धन अऊ दोगानी
तोर दिये ये काया हे ये मोर भवानी
मै का चढ़ावौ दाई तोला वो
अर्पण हे मोर जिनगानी
दुनिया जोत जलाथे ओ दाई
चईत अऊ कुंवार मा
मै तो हावौ तोर भगत ओ
बोरो महिना आठो काल ना
दास मनोहर के लिखे मीठ बानी
गावै कांतिकार्तिक हा अपन जुबानी
मैं का चढ़ावो दाई तोला वो
अर्पण हे मोर जिनगानी
✍ लेखक: ओपी देवांगन
🎤 प्रस्तुतकर्ता: OP DEWANGAN
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