बिन मुरली के मै हा किसन बन जाहूँ
ओढ़नी ओढ़ा के तोला राधा बनाहूँ
आजा नचाहूँ तोला फागुन तिहार मा
झन तै लजाना गोरी मोर तिर आना
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
हर एक रंग के हे अलग चिन्हारी
भर के रंग तोला मारौ पिचकारी
कभूँ झन छुटै अइसे रंग तै लगादे
रंग के संग मा गोरी मया बरसादे
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
रंगहू अइसे तोर रूप निखर जाही
चंदा घलो हा सउहे देख के लजाही
पिरित के बरसा मा तोला मै भिगाहूँ
तोर निशा मा आज महूँ बहक जाहूँ
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
बिन मुरली के मै हा किसन बन जाहूँ
ओढ़नी ओढ़ा के तोला राधा बनाहूँ
आजा नचाहँ तोला फागुन तिहार मा
झन तै लजाना गोरी मोर तिर आना
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
आजा रंगहूँ गुलाबी गोरी तोरे गाल
✍ लेखक: ओ.पी. देवांगन
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation
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