ये चोला धन होगे ना मन मगन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
किसन सुदामा के मिलन होगे
ये चोला धन होगे ना मन मगन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
सुदामा ला आये हावै जान गिरधारी
नान पन के आये हावै मोर संगवारी
भवन भीतर लाने ओला मदन मुरारी
आसन देके बईठारे तुरते बनवारी
तुरते बनवारी जी तुरते बनवारी
आसन देके बईठारे तुरते बनवारी
कल मिलन होगे ना जग देखन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
रूखमणी जल लाये खतिर चले भवन भीतर
ऐति कन्हैया के बोहे आंसू हावै झर झर
चरण ला सुदामा के हरि धोवै सुग्घर
धन हे भाग सुदामा के कहे सब नारी नर
कहे सब नारी नर जी कहे सब नारी नर
धन हे भाग सुदामा के कहे सब नारी नर
बेरा मंझन होगे ना दिन बुडन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
दुसर दिन सुदामा के गठरी ला नंगाये
दु मुठा चाउर हरि ओकर हावै खाये
तीसर मुठा उठाये हे रूखमणी हा आये
अपन खातिर रखो हरि कहिके समझाये
कहिके समझाये जी कहिके समझाये
अपन खातिर रखो हरि कहिके समझाये
प्रेम देवन होगे ना बिदा लेवन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
किसन सुदामा के मिलन होगे
ये चोला धन होगे ना मन मगन होगे ना
किसन सुदामा के मिलन होगे
✍ लेखक: दुकालू यादव
🎤 प्रस्तुतकर्ता: -
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