कइसे के गढ़ना गढ़े तै विधाता सगे बेटी होगे सगा पहुना
तिरिया जनम मोला काबर दे विधाता बेटी पराया होथे ग
नव महिना ले तोला कोख मा राखेव बेटी
दसवा मा तोला जन्माये बेटी
सगा बरोबर आबे वो बेटी दाई ददा ला झन भुलाबे
पति के सेवा बजाके नोनी पाछू फेर तै खाबे
दाई ददा के मान ला वो बेटी
सदा तैहा रखबे वो बेटी 2
कैसे बिधाता गढ़े गढ़ना गढ़ना सगे बेटी होगे सगा पहुना 2
घर मा बईठे हावय लेनहार जाबे बेटी तै हा ससुराल
रीता होगे अंगना रीता होगे अंगना वो
कैसे बिधाता गढ़े गढ़ना गढ़ना सगे बेटी होगे सगा पहुना 2
दाई कहे तोला नव महिना ले मैहा कोख मा राखेव वो
दुख पीरा सही-सही के बेटी मया के अचरा ढाकेव वो
मया के अचरा ढाकेव बेटी मया के अचरा ढाकेव वो
अंगरी धर रेंगा के नोनी संग पिरित ला बाटेव वो
तोर सुरतिया देख दुलौरिन दिन रतिहा ला काटे वो
दिन रतिहा ला काटेव बेटी दिन रतिहा ला काटे वो
लागे तन ले छुटट हे परान आहे बेरा कईसे बईमान 2
सुन ले बेटी कैना वो 2
कैसे बिधाता गढ़े गढ़ना गढ़ना सगे बेटी होगे सगा पहुना 2
अंतस मा अंगरा सुलगत हे
लागे छाती चिरागे वो बेटी लागे छाती चिरागे
छीन छीन उजरे तन कुरिया के
पिजरा के सुवा उड़ागे वो नोनी पिजरा के सुवा उड़ागे
ददा के बहा झुलैया बेटी
दाई के कोरा भुलागे वो दाई के कोरा भुलागे
मोर डेहरऊठी के बरत दिया हा
देखते देखत बुझागे बेटी देखते देखत बुझागे
फूल घलो लागे मुरझान संगी सखी होगे अब बिरान2
सुनले मोर रानी बिटिया सुनले मोर रानी वो
कैसे बिधाता गढ़े गढ़ना गढ़ना सगे बेटी होगे सगा पहुना 2
बिदा के बेरा होगे बेटी
कईसे करो तोला बिदा ओ कईसे करो तोला बिदा
जा बेटी तै पर के दुवारी
करबे जग ला अंजोर ओ करबे जग ला अंजोर
पति ला जेवन जेवा के बेटी
पाछू तै फेर खाबे ओ पाछू तै फेर खाबे
घर के गोठ ला घर मा राखबे
बाहिर झन गोठियाबे वो बाहिर झन गोठियाबे वो
जाथे बेटी ससुरार हिरदे मा परत हावय घात 2
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
जाना बेटी वो मोर दुलौरिन
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