गोड़ म रईपुर शहर के बिछिया
जोगनी कस चमके टिकूलिया
आनी बानी के रूप सजा के
तोला मैं मोहा लेहूं ना
ये मोर हीरा मैं तोला अपन बना लेहूं ना
तोर पिरीत लागे हूडर्रा लिलवा
मोर बर हावस गजब मुड़ पीरवा
कानी खोरी ल जिनगी के
संगी बना के रेंगा लेहूं ना
ऐ पतरेंगी मैं जिनगी के दिन ला
पहा लेहूं ना
गोड़ म रईपुर शहर के बिछिया
गउहा डोमी हा जोखी छाड़े हे
ये मोरे हीरा जोखी छाड़े हे
मोरे भरे जवानी हा मोहना
तोर ओखी माढ़े हे
मोरे भरे जवानी हा मोहना
तोर ओखी माढ़े हे
गोड़ म रईपुर शहर के बिछिया
काटे म खीरा तीन फांकी वो
ये पतरेंगी तीन फांकी वो
मैं हा जानत हौ तिरिया चरित्तर
झन मिला आंखी वो
मैं हा जानत हौ तिरिया चरित्तर
झन मिला आंखी वो
तोर पिरीत लागे हूडर्रा लिलवा
पानी बीना भटके हिरनी बन बन
ये मोरे राजा हिरनी बन बन
बड़े बड़े ऋषि मुनि के तप ल हम देखे हन
बड़े बड़े ऋषि मुनि के तप ल हम देखे हन
गोड़ म रईपुर शहर के बिछिया
आमा के रूख म अमली नई फरे
ये पतरेंगी अमली नई फरे
पथरा कस देवता में राजा ये जिनगी नई चले
पथरा कस देवता में राजा ये जिनगी नई चले
गोड़ म रईपुर शहर के बिछिया
तोर पिरीत लागे हूडर्रा लिलवा
जोगनी कस चमके टिकूलिया
मोर बर हावस गजब मुड़ पीरवा
आनी बानी के रूप सजा के
तोला मैं मोहा लेहूं ना
ऐ पतरेंगी मैं तोला अपन बना लेहूं ना
अपन बना लेहूं ना
अपन बना लेहूं ना
अपन बना लेहूं ना
✍ लेखक: प्रेम चन्द्राकर
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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