गंगा के दरस जे करि आथे ना
सातो पुरखा ओखर तर जाथे ना
पापी मन के नाश करईया
नमन करौ गंगा माई
तोर शरण मे आयेव माता
करबे हमरो सहाई
हे महामाई दुर्गा दाई
जय हो गंगा माई
हाथे धरे लोटिया कांधे मा धरे पोटिया
गंगा नहाऐ बर चले हो दुर्गा मईया
गंगा नहाऐ बर चले हो माँ
ये कल्हर कल्हर के रानी मोरे रावै वो
राजा रोवत हे दरबार हो महामाया
राजा रोवत के दरबार हो माँ
हां छाती पीट पीट के भाई मोरे रोवै वो
रोवत हे जम्मो परिवार हो महामाया
रोवत हे जम्मो परिवार हो माँ
ये सुन्ना कर दिये माता घर अऊ अंगना
मन मोर लागत हे उदास हो महामाया
मन मोर लागत हे उदास हो माँ
हां नवे दिन जागेव माता जंवारा अऊ दीयना
मन मोर राहाऐ उल्लास हो महामाया
मन मोर राहाऐ उल्लास हो माँ
ये ज्योत जंवारा मोर घर ले उसले
अलिन गलिन में घुमाये हो बुढ़ी माई
अलिन गलिन में घुमाये हो माँ
हां आदि मोर भवानी के दरस करे बर
नर अऊ नारी जुरियाऐ हो महामाया
नर अऊ नारी जुरियाऐ हो माँ
ये कोनो गोभे बाना अऊ कोनो गोभे तिरसुल
कोनो हा साटा लगवाये हो महामाया
कोनो हा साटा लगवाये हो माँ
ये दे चांउर भर भर बईगा हा छितत हे
मड़ई बैरग लहराये हो बुढ़ी माई
मड़ई बैरग लहराये हो माँ
ये आगु आगु रेंगै मोर भैया ओ लंगुरवा
सातो बहिनी पछुवाये हो महामाया
सातो बहिनी पछुवाये हो माँ
ये झूमर झूमर के माता के भगत मन
जस पचरा ला सुनाये हो महामाया
जस पचरा ला सुनाये हो माँ
ये सातो बहिनी सुग्घर माता ला उतारे हो
गंगा हा चरण पखारे हो महामाया
गंगा हा चरण पखारे हो माँ
हां प्रेम कोसरिया करे माता के विसर्जन
पापी चोला ला तारे हो महामाया
पापी चोला ला तारे हो माँ
हाथे धरे लोटिया खांधे मा धरे पोटिया
सगुरी नहाए बर चले हो दुर्गा मैया
गंगा नहाऐ बर चले हो माँ
हां गंगा नहाऐ बर चले हो दुर्गा मईया
सगुरी नहाऐ बर चले हो माँ
✍ लेखक: रामकुमार साहू
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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