ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
हो... का करनी का करम करे हन 2
करजा हावय मोर उधार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
ममता के देवी तोला कईथे
गंगा जइसन ममता हा बहिथे
हो जइसे बछरू गइया बिना गा
पानी बिना मछरी तड़पत रहिथे
हो... बन के दुलौरिन सउहत आये 2
बाटे मया अउ दुलार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
मन के कलपना ला का बतावव
कइसे दाई तोला मनावव
हो लगन के दीयाना भाव के बाती
अंगना मा दाई तोर जलावव
हो.. राजा चढ़ाथे हीरा अउ मोती 2
मैं हा चघावव फूल हार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
तोर मोर नता जनम जनम के
करनी कमायेव मोर करम के
हो करजा छुटे बर सात जनम के
धरम निभायेव मोर धरम के
हो... दूध पीये हौ महतारी के 2
कोख ले लियेव अवतार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
तोर बिना मोला कुछु नई सुहाये
रात दिन तोर सुरता समाये
हो दाई दुलौरिन के मया हा भाये
भाव भक्ति में दिन मोर पहाये
हो... एकरे सेती नवरात्री में 2
पारत हौ मै गोहार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
निच्चट अनपड़ अड़हा दुलरवा
आये हे दाई सेवा गवईया
हो दुर्गा दुलौरिन शारदा मैया
तिही हावस ओ सब के चिन्हैया
हो.. प्रेम अजय संग दाई दुलौरिन 2
कोसरिया ला लेबे तार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
हो... का करनी का करम करे हन 2
करजा हावय मोर उधार
जिनगी हावय दिन चार
ए दुलौरिन दाई ओ
जिनगी हावय दिन चार
जिनगी हावय दिन चार
✍ लेखक: प्रेम अजय
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
Search CG Song Lyrics
हमारे मोबाइल ऐप के साथ छत्तीसगढ़ी लिरिक्स का आनंद लें