दीया जलत हे सतनाम के हो
दीया जलत हे सतनाम के
नरियर सुपारी गुरू बंगला के पान गा
तोरे मंदिर म जपै सबे सतनाम गा
तोरे मंदिर म जपै सबे सतनाम गा
सत के पुजारी गुरू महिमा महान गा
तोरे चरण म बहे अमृत के धार गा
तोरे चरण म गुरू अमृत के धार गा
मन म बसे हे तोर नाम मोर गुरू घासी
तन म बसे हे तोर नाम
मन म बसे हे तोर नाम मोर गुरू घासी
तन म बसे हे तोर नाम
तोर नाम के हो सतनाम के हो
दीया जलत हे सतनाम के
तोर नाम के हो सतनाम के हो
दीया जलत हे सतनाम के
तोरे महिमा हा गुरू अगम अपारा हे
धरती गगन म गुरू होवत जयकारा हे
धरती गगन म गुरू होवत जयकारा हे
पावन पुरवईया गुरू चवर डोलावै हो
सत के ध्वजा हा गुरू लहर लहर लहरावै हो
सत के ध्वजा हा गुरू लहर लहर लहरावै वो
सुरूज ज्योति के समान मोर गुरू घासी
मन म बसे हे तोर नाम
सुरूज ज्योति के समान मोर गुरू घासी
मन म बसे हे तोर नाम
तोर नाम के हो सतनाम के हो
दीया जलत हे सतनाम के
✍ लेखक: श्याम कुटेलिया
🎤 प्रस्तुतकर्ता: -
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