आरूग हे कलशा दाई आरूग बाती वो,
आरूग दियना जलाव
दाई वो, आरूग दियना जलाव
आरूग दोना चाउर आमा के पाना वो,
आरूग फुलवा दाई निम्बू के बाना वो |
नरियर जोड़ा लानेव हरियर दूबी वो,
आरूग गोरस दाई नवघट देवी वो |
आरूग चन्दन लानव आरूग बंदन वो,
आरूग बिरवा बोवाव |
दाई वो, आरूग बिरवा बोवाव |
अंगना ला लिपे पोते चउक पुरायेव वो,
भुवना के तीरे तीरे कलशा सजाये वो |
तोरे सवांगा धरे हुम चढ़ाये वो,
सिरजे हो दुर्गा दाई जोत जलायेव वो |
आरूग चुरी लानव आरूग फुंदरी वो,
आरूग चुनरी चढाव|
दाई वो, आरूग दियना जलाव |
✍ लेखक: राम नारायण ध्रुव
🎤 प्रस्तुतकर्ता: Arug Music Company
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